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एलोवेरा या घृत कुमारी क्या है?
घृत कुमारी या अलोवेरा/एलोवेरा सबसे प्रसिद्ध पौधों की दवाओं में से एक है, इसकी उत्पत्ति मूल रूप से उत्तरी अफ्रीका और भूमध्य सागर के आसपास के तटीय क्षेत्रों हुई है। ये एक गुणकारी औषधि वनस्पति है और इसके बारे में पूरी जानकारी पाएंगे इस ब्लॉग से । इसका नाम घृत कुमारी या एलोवेरा भी है लोग इसका सेवन करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं फिर चाहे इसका जूस लेना हो या फिर इसे लगाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है । जैसे स्किन में लगाते हैं लोग या फिर बालों में लगाना है तो इस तरह से अलग अलग तरीकों से इसे यूज़ किया जाता है।लेकिन जो लोग इसे यूज़ करना चाहते हैं तो उनको इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है ताकि आपको इसके फायदे तो मिल सके लेकिन इससे नुकसान ना हो. हम आज इस ब्लॉग में सभी के बारे में चर्चा करेंगे।
एलोवेरा की मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ क्या क्या है?
एलोवेरा सबसे अच्छे और सबसे शक्तिशाली और प्रसिद्ध औषधीय पौधों में से एक है। इसका उपयोग 5000 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। इसे आमतौर पर एलोवेरा के नाम से जाना जाता है। जो इसका वैज्ञानिक नाम भी है। Allogenous asphalt delacey परिवार से संबंधित है, एलोवेरा एक बहुत ही कम तना वाला औषधीय पौधों में से एक है। जो लगभग 60-100 सेंटीमीटर होता है इसका पत्ते मोटे और मांसल और हरे रंग के होते हैं। और इसमें छोटे सफेद स्पाइक्स होते हैं। इसे किन किन अवस्थाओं में किन किन बीमारियों में लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए। किसने इसका इस्तेमाल करना है, किसने नहीं करना है, यहाँ तक कि इसकी मात्रा ही इसका डोस क्या होना चाहिए? ऐलोवेरा आंतरिक रूप से भी हमारे शरीर में बहुत ज्यादा लाभदायक है। ऐलोवेरा में कुदरती गुणों का खजाना भरा हुआ है। एलोवेरा की 400 से भी ज्यादा प्रजातियां है, लेकिन एलोवेरा में।हैलो डैन्स नाम का पौधा ही ऐसा है जो औषधीय गुणों से भरपूर है और जो मनुष्य के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक है।
एलोवेरा में क्या औषधीय गुण हैं
इसको चलिए अब एलोवेरा में होती क्या है? ऐलोवेरा जेल की बात करते हैं, इसमें होता क्या है? इसमें 95% होती है पानी तो 5% उसमें सॉलिड होता है और वो सॉलिड में।20 तरह के अमीनो एसिड होती है और उसमें छे सात अमीनो एसिड जो हमारे बहुत काम की चीज़ है वो भी इसमें होती है।इसमें दो ऐसी केमिकल होती है जो हमारे टी लिम्फोसाइट को बढ़ावा देता है। इसका नाम है ऐसी मेनॉन ऐलोवेरो स्ये दो ऐसी केमिकल है इसको पॉलिसैक्राइड बोलते है ये हमारे जो हमारे बिमारी को फाइट करने का जो सबसे इम्पोर्टेन्ट डील रेड ब्लड सेल्स को बढ़ावा देते हैं। उसका उसकी ऐक्शन को 50% डबल कर देता है। तो ऐसा इम्युनिटी का बड़ा रोल है की हमारे बिमारी में वो बड़ा मदद करता है। बिमारी नहीं होने का पूरा बॉडी में रेसिस्टेंट पावर पैदा करता है।ऐलोवेरा में बहुत सारे फाइबर होता है, वो हमारे काम में आ जाता है, सोल्यूबल फाइबर होता है, वो दिखती नहीं है, सोल्यूबल फाइबर होता है, एक इसमें जर्मेनियम करके चीज़ होता है, वो भी हमारे इम्युनिटी बढ़ाता है और इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी होती है। एलोवेरा कॉन्स्टिपेशन कब्जियत के केसेस में यूज़ होती है.
एलोवेरा के चिकित्सीय उपयोग
एलोवेरा का जेल बहुत कम मिलेगा। एलोवेरा का जूस मिलता है तो जेल को पानी मिलाकर डाइल्यूट किया जाता है और एलोवेरा जूस का बहुत बड़ा फाइल डाइजेस्ट इक गैस्ट्रिक प्रॉब्लम ऐसीडिटी जीआरडी पे इसका बड़ा फायदा होता है।ये बात मैंने पहले से आपको बोला है, कम करता है।अच्छा ये मॉस्चराइजर के उपयोग में भी आती है या फेस में भी इसका एलोवेरा जेल को यूज़ किया जा सकता है? स्किन के ये ऐन्टाइबाइआटिक का भी काम कर सकता है। माउथवॉश में आप ऐलोवेरा जूस का माउथवॉश भी यूज़ हो सकता है। तो ये काफी सारे जगह काम करता है ये देखा गया है।की ऐलोवेरा खाली एक जगह में हम लोग ज्यादा यूज़ करना नहीं चाहते हैं। जिनको लूज़ मोशन की प्रॉब्लम है, उनको एलोवेरा जूस नहीं लेनी चाहिए। कोई वगैरह है तो उसमें भी थोड़ा सारा हम लोग को लेना है। अदर्वाइज़ ऐलोवेरा जूस काफी काम की चीजें आप अपने घर पे बना सकते हो। अच्छी बात है नहीं तो बाजार से खरीदे।कितना लेना चाहिए अभी?
एलोवेरा के लाभ की सूची
- बर्न्स (पहली- और दूसरी डिग्री)
- सोरायसिस
- बृहदांत्रशोथ
- मधुमेह
- सेबोर्रहिया
- रूसी (Dandruff)
- त्वचा पर खरोंच
- त्वचा विकिरण से घायल हो गई।
- हरपीज घाव
- मुंहासा
एलोवेरा या घृतकुमारी के फायदे.
- एलोवेरा जेल को चेहरा पे लगाने से चेहरे पर चमक आती है, क्योंकि चेहरे की कील, मुंहासे और स्किन से संबंधित जो भी बिमारी का संबंध होता है, वो सीधा पेट से होता है तो एलोवेरा का जूस पेट से संबंधित बीमारियों को खत्म करके आपके चेहरे पर चमक लाता है।
- अगर आपको भूख न लगने की समस्या है तो एलोवेरा का जूस।आप के लिए एक रामबाण की तरह साबित हो सकता है। ये आपकी भूख न लगने की परेशानी को दूर करता है क्योंकि पेट साफ न होने की वजह से या फिर पेट में कुछ विकारो के कारण भूख न लगने की समस्या रहती है। तो अगर आपका पेट साफ नहीं रहता या फिर पेट से संबंधित कोई रोग या विकार रहता है तो आप।खाली पेट मेरा जूस का सेवन करें। पानी के साथ इस जूस का सेवन करने से आपके पेट संबंधित रोग या फिर की समस्या भी आसानी से दूर होती है।
- एलोवेरा का जूस खाली पेट पीने से हमारे शरीर के रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ने लगती है तो ऐसे में अगर।आपके शरीर में खून की कमी है तो आप रोजाना एलोवेरा का जूस पीजिए।
- अगर आपको अक्सर सिर में दर्द रहता है तो आप ऐलोवेरा का जूस खाली पेट दीजिये जिससे आपका अधिकांश रहने वाला है। सिर में दर्द से छुटकारा मिलेगा।
- ऐलोवेरा में मौजूद ऐंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टी आपके दांतों को साफ रखती है और इसके साथ।बैक्टिरीअल इन्फेक्शन से भी आपको बचाती है मैं अगर छाले होते हैं तो ऐलोवेरा का जूस उन्हें भी दूर करने में काफी मदद करती है।
- अगर आपको बाल झड़ने की समस्या रहती है तो आप आंवला जूस और ऐलोवेरा जूस को मिक्स कर के जरूर इस्तेमाल कीजिये, जिससे आपके बाल झड़ने की समस्या खत्म होने लग जाएगी और आपके बाल मजबूत होने लगेंगे।
- वजन को कम करने और मैनेजमेंट में का जूस काफी हेल्प करता है क्योंकि अगर आपका ओवर वेट है तो आपका डाइजेशन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म पक्का सही से काम नहीं कर रहा है। तो अगर आप अपने डाइजेशन सिस्टम को।और मेटाबॉलिज्म को आंवला और एलोवेरा का इस्तेमाल करके मजबूत करते हैं और साथ में 20-25 परसेंट डाइट को कंट्रोल करते हैं तो आप 100% नैचुरल तरीके से अपना वजन कम कर पाएंगे और साथ ही साथ ये हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी काफी बढ़ाता है। भले ही इस जूस का स्वाद।काफी कड़वा लगे लेकिन इसके फायदे काफी अद्भुत है।
- हमारे इम्युनिटी बढ़ाता है।
- स्किन जल जाये, कट जाए, चिल जाये यार अगर जाए या कोई स्किन के ऊपर फोड़े फुंसी हो जाये तो हमें ऐलोवेरा काजल उस पर लगा करके या तो पट्टी बांध देनी चाहिए या ऐलोवेरा का पत्ता काट करके।जिसमें से हमने जहर निकाल लिया हो, उस पत्ते को स्किन के ऊपर इस तरह से रगड़ के इस्तेमाल कर सकते हैं।
बालों के लिए एलोवेरा या घृतकुमारी के फायदे.
एलोवेरा के नुकसान की लिस्ट.
आज तक हम सिर्फ एलोवेरा के फायदों के बारे में ही सुनते हैं एलोवेरा में लैक्सेटिव तक मौजूद होता है जो की एलोवेरा की पत्ती के अंदर की लेयर में पाए जाते हैं। कहा जाता है कि ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।ऐसे में अगर कोई एलोवेरा जेल के रूप में सेवन करता है तो इसमें मौजूद लैक्सेटिव लेयर भी अपने शरीर में वह लेता है जो कि आपके शरीर में क्या कुछ परेशानियां पैदा करता है?
निर्जलीकरण (Dehydration)
अगर आप सुबह खाली पेट एलोवेरा जैल का सेवन कर रही है और सोच रही है कि आपका वजन कम होगा तो आपको बता दें ऐसा करने से शरीर में निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है। इसके जूस का लगातार सेवन करने से शरीर में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा हो जाती है और इसकी वजह से दिल की धड़कन कमजोर हो सकती है। अगर आप पहले से दिल के मरीज हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही प्रयोग करें
स्किन एलर्जी (त्वचा रोग)
अगर आप हैलो मेरा जेल को अपनी स्किन की समस्या को दूर करने के लिए जरूरत से ज़्यादा लगा रखी है तो हो सकता है इससे आपकी त्वचा पर राश बिजली और आ जाते। अगर ऐसा हो रहा है तो तुरंत इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे।
इरीटेबल बोवेल
इरीटेबल बोवेल सिंड्रोम आमतौर पर कब्ज होने पर एलोवेरा जूस पीने की सलाह दी जाती है।लेकिन आपको बता दें पाचन को लेकर कोई शिकायत हो तो एलोवेरा जूस का सेवन तुरंत बंद कर दें, क्योंकि इस जूस में लैक्सेटिव होता है जो इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम की शिकायत को बढ़ा सकता।
ब्लड शुगर
ब्लड शुगर प्रभावित अगर आप लगातार कई दिनों से एलोवेरा का सेवन कर रही है तो इससे आपका ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है और आपका बी पी लो हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में दिक्कत
प्रेग्नेंसी में दिक्कत प्रेग्नन्सी में एलोवेरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसमें मौजूद लैक्सेटिव प्रॉपर्टी गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती है।उनके टेबल से गर्भपात तक हो सके।
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ऐलोवेरा का यूज़ करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी है।
आज मार्केट में ऐलोवेरा के बहुत सारे प्रोटेक्ट देखने के लिए मिलते है। ऐलोवेरा क्रीम है, बॉडी लोशन है, फेसवॉश है, एलोवेरा का शैम्पू है।और ऐलोवेरा पीने के लिए जूस भी बहुत तरह तरह के अलग अलग कंपनियों के मार्केट में अवेलेबल है।
ऐलोवेरा का यूज़ अगर फ्रेश रूप में करते हैं तो वो ही सबसे ज्यादा अच्छा होता है और आज अधिकतर लोग अपने घर में ऐलोवेरा लगा करके रखते हैं। गमले में भी आप ऐलोवेरा को लगा सकते हैं।दो चार में लगा लीजिये। अगर उसका आपको ज्यादा यूज़ करना है तो दो चार में आप एलोवेरा का पौधा लगा लीजिये और समय समय पर उसको यूज़ करते रहिये।
ऐलोवेरा का यूज़ करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी है। आगे की बात हम करते हैं तो अब बात करते है की एलोवेरा का यूज़ करने से पहले हमें किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कोशिश करें कि जब आप ऐलोवेरा यूज़ करें तो वो ताजा ही ले चाहे आप उसका बाहरी यूज़ करना हो और चाहे आप उसको पीने के काम में ले रहे हो। जो भी आप ऐलोवेरा यूज़ करे वो कम से कम दो 3 साल पुराना होना चाहिए।क्योंकि जब ऐलोवेरा दो 3 साल पुराना हो जाता है तो उस में विटामिन, मिनरल्स, अमीनो ऐसिड्स और एन्जाइम्स भरपूर मात्रा में होते हैं और इसके अलावा जो उसमें वाला पार्ट होता है वो भी अच्छी मात्रा में होता है। ऐलोवेरा का पत्ता बोरेदा और होना चाहिए क्योंकि जो।और 5 साल होता है क्योंकि उसमें जेल अच्छी मात्रा में मिलता है।
ऐलोवेरा कोई यूज़ करने से पहले।हमें उसे दो 3 घंटे पहले कम से कम काट के रख लेना चाहिए क्योंकि एलोवेरा में।जब हम उसको काटते है तो एक पीला पीला सा भी निकल करके आता है तो नीचे से भी द्रव्य निकलता है और अगर आप उसे साइटों से काट देते हैं तो साइडों से भी पीला पीला सा एक भी निकल कर आता है। वो टॉक्सिन होते हैं, वो जहर होता है उसको हमें अपने खाने में यूज़ नहीं करना चाहिए और ना ही लगाने में उसका यूज़।होना चाहिए। इसलिए उसे कम से कम दो 3 घंटे पहले काट करके रख लें, जिससे वो सारा जो है निकल जाए।
एलोवेरा का इस्तेमाल कैसे करें
इसका उपयोग एकदम सरल है इसको साइड में से पत्ते को काट करके इधर से ये निकला। इसके बाद भी इसको साइड में से काट करके थोड़ा सा अलग कर लीजिये इस तरह से ये साइड में से कट गया कि बीच मैं से आप इसको।द्वारा आराम से भी बहुत नरम होता है। बहुत सॉफ्ट होता है। इसको आप काट करके निकाल सकते हैं। इस तरह से। ये ऐलोवेरा जो है इसके बाद में निकल जाएगा।ये जेल है।ये बहुत ही दिव्य औषधि है।
एलोवेरा का पल्प उपयोग कैसे करे
एलोवेरा का पल्प निकाल करके जिनको चेहरे पर लगाया जाता है, पिंपल्स है या सनबर्न, जिनको होता है, जो किसी भी तरह से इस तरह के चेहरे की जो समस्या है। आपको बहुत महंगी, महंगी क्रीम, लोसल और विविध तरह के कॉस्मेटिक लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बहुत ही अच्छा है इसका प्रयोग है तो मेरी माताएं बहनें उपयोयग सकते हैं हिंदी में इसका नाम है घृतकुमारी। इस ऐलोवेरा हम जब छोटे थे तब देखते थे और सोचते थे यार तो कांटे वाली कोई काम की नहीं है पर अब पता चला है एलोवेरा बहुत काम की चीज़ है इसकी जो जेल है।वो बहुत सारे फायदा करता है, तो आज इसके बारे में आपको बताने वाले हैं
कैसे इसका तीन पार्ट होता है? एलोवेरा का एक तो होता है उसका ग्रीन कलर का स्क्रीन और उसी में वो कांटे लगे होते है तो इसको हमारे उतने काम की चीज़ नहीं काटा तो फेक नहीं होता।ग्रीन वाले को हम लोग काट लेते हैं, उसके अंदर जेल निकलती है और उसमें भी होता है। जो लैटेक्स बोलते है। इसको वो हमारे काम की नहीं होती होती है। उसमें थोड़ा साइड इफेक्ट होता है तो जब ऐलोवेरा जूस निकाल के जेल निकालते हैं तो उसकी छिलके को निकाल देते हैं और अंदर से जेल निकल के आती है, उसको स्टोर कर लेते हैं और धोने के बाद वोजो है वो भी निकल जाता है।
हमें ऐलोवेरा का जल निकालकर उसकोछोटे छोटे टुकड़े करके उसको खाना चाहिए और ऊपर से।एक कप ताजा पानी पीना चाहिए। इसके अलावा अगर आप ऐलोवेरा जूस का इस्तेमाल करते हैं तो अलोवेरा जूस में 20 एमएल जूस आपको पीना चाहिए और 20 एमएल जूस में 20 मील ही पानी मिला लें और तब उसका इस्तेमाल लाभ करे तब उसको धीरे धीरे।एक एक वोट करके पीते रहें। शरीर को सवस्थ रखने के लिए जब एलोवेरा जेल आप खाएं या एलोवेरा जूस आपत्ति है तो उस वक्त रूटीन में हमें पानी की इनटेक को बढ़ा देना चाहिए। ज्यादा पानी पीना चाहिए ज्यादा पानी पीने से सादा खाना खाने से।हमारे टॉक्सिन्स ज्यादा मात्रा में बाहर निकलने लगते।
एलोवेरा कब और कैसे प्रयोग करना चाहिए
एलोवेरा का प्रयोग किस से।कब नहीं करना चाहिए? तो सबसे इम्पोर्टेन्ट बात ये है की 14 साल की उम्र से पहले एलोवेरा का सेवन किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए। आफ्टर डिलिवरी एलोवेरा का जूस या पल?का इस्तेमाल उसका सेवन नहीं करना चाहिए। जब बच्चा माँ का दूध पीता हो तो उस वक्त भी हमें एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए। फीमेल्स में मासिक धर्म के दौरान एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये ब्लड के फ्लो को बढ़ाता है। एलोवेरा का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए। ये सोच करके।की जल्दी इसका फायदा हो जाएगा तो हमें उसका ज्यादा जेल या जूस नहीं पीना चाहिए क्योंकि उसके ज्यादा प्रयोग करने से पेट में मरोड़ या किसी टाइप की दिक्कतें हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया इस वीडियो को देखें।
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